Page Nav

HIDE

Classic Header

{fbt_classic_header}

Breaking News:

latest

इंसान की पहली अंतरिक्ष यात्रा कितनी खतरनाक थी -यूरी गागरिन

"दुनिया से बहुत दूर,यहाँ मैं एक टिन के डिब्बे में बैठा हूँ. पृथ्वी का रंग नीला हैं और यहाँ कुछ भी नहीं कर सकूँ।" डेविड बोई के स्पे...

"दुनिया से बहुत दूर,यहाँ मैं एक टिन के डिब्बे में बैठा हूँ.
पृथ्वी का रंग नीला हैं और यहाँ कुछ भी नहीं कर सकूँ।"

डेविड बोई के स्पेस ओटीडी  एल्बम के इस लाइन में वह सब मौजूद हैं जो अंतरिक्ष में जाने वाले पहले शख्स यूरी गागरिन ने महसूस किए होंगे। दो मीटर व्यास वाले छोटे से स्पेसक्राफ्ट में यूरी गागरिन अंतरिक्ष यात्री की बजाय महज  एक यात्री की तरह अंतरिक्ष गए थे.

यूरी गागरिन ऐसे यान में थे जिसके कण्ट्रोल को वो छू भी नहीं सकते थे.कण्ट्रोल रूम से हुए उनके संवाद के मुताबिक अंतरिक्ष यान की कैप्सूल विंडो से उन्हें पृथ्वी बड़ी सुन्दर दिखाई दे रही थी.पृथ्वी पर बदलो की छाया मनमोहक छवि पैदा कर रही थी.

















यूरी गागरिन 12 अप्रैल,1961 को अंतरिक्ष जाने वाले पहले व्यक्ति बने थे.वह अंतरिक्ष की लड़ाई में अमेरिका पर  सोवियत संग की जीत थी.उनकी सकुशल वापसी ने तो इस जीत को निर्विवाद बना दिया।


इतिहास बनाने के लिए गागरिन ने अदम्य बहादुरी दिखाते हुए खतरनाक चुनौती स्वीकार की थी.उन्हें अंतरिक्ष में भेजा जा रहा था,जिसके बारे में लोगो में बहुत कम जानकारी थी.वे ऐसे यान में वहां जा रहे थे जिसमे किसी आपात स्थिति में बचाव  की कोई व्यवस्था  नहीं थी.

खतरे के खिलाडी थे यूरी गागरिन।
 
जिस राकेट से उन्हें अंतरिक्ष भेजा जाना था वह पहले कई बार नाकाम हो चूका था असल में गागरिन को ऐसे प्रयोग के लिए इस्तेमाल किया गया था जिससे कई सवालो के जवाब मिलने थे.
जैसे की क्या मनुष्य अंतरिक्ष में जीवित रह सकता हैं? क्या अंतरिक्ष यान से यात्रा की जा सकती हैं? क्या अंतरिक्ष यान का पृथ्वी  से संपर्क बना रह सकता हैं जो प्रभावी हो?  अंतरिक्ष यान की सुरक्षित वापसी संभव हैं? इस यात्रा से इनसभी सवालो के जवाब मिल गए.
उस दौर में किसी भी राकेट, अंतरिक्ष यान, संवाद उपकरणों पर लोगो को बहुत भरोसा नहीं था  अंतरिक्ष में मानव को जीवित रहने को लेकर भी कोई खास जानकारी नहीं थी.


इस मिशन के करीब 50 साल बाद 'रॉकेट्स एंड पपीपल्स' नामक पुस्तक में इंजीनियर बोरिस चेरकोट ने लिखा "अगर वोस्तोक अंतरिक्ष यान को आज के वैज्ञानिको के सामने रखा जाये तो कोई भी इस मिशन के पक्ष  में नहीं होगा। उस वक़्त मैंने ही उन दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किये थे जिसमे लिखा था की यान में सब ठीक हैं  और में इस मिशन के सुरक्षित होने की गारंटी देता हूँ. आज की तारीख में मैं ये कभी नहीं करता।हमने इसमें कितना जोखिम लिया था ये मुझे काफी अनुभव के बाद पता चला."



















गागरिन का यान 

12 अप्रैल 1961 यूरी गागरिन की अंतरिक्ष उड़ान से राकेट पूरी तरह ठीक था. हलाकि तब अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के बारे में मामूली जानकारिया थी.इस मिशन में यूरी  गागरिन  के जीवन को लगभग दाव पर लगाया गया था.
इस दौरान कई तकनीकी खामिया भी उभरी। इसके  चलते अंतरिक्ष यान अनुमान से कही ज्यादा ऊंचाई  वाले ऑर्बिट में स्थापित हुआ, गागरिन के पास ब्रेक थे पर  यदि वे काम नहीं करते तो अंतरिक्ष  यान के खुद ही उतरने का इंतज़ार करना पड़ता।

वोस्तोक अंतरिक्ष यान में  सफ्ताह से ज्यादा समय के लिए ऑक्सीजन, भोजन पानी मौजूद था. हलाकि ज्यादा ऊंचाई पर स्थापित होने पर यान की वापसी में ज्यादा समय लग सकता था.

ऐसी स्थिति में ऑक्सीजन, भोजन पानी किसी भी कमी से गागरिन की मौत हो सकती थी.लेकिन खुशकिस्मती ये थी की  ब्रेक काम कर रहा था.

























रिकॉर्ड बनने से वंचित होने का खतरा 

गागरिन की वापसी से पहले अंतरिक्ष यान के कैप्सूल को जरुरत के सामान वाले सर्विस मॉड्यूल से जोड़ने वाला तार अलग नहीं हो पाया इसलिए वापसी के दौरान इनके कैप्सूल पर अतिरिक्त भार लदा हुआ था हुआ था.इसके चलते कैप्सूल का तापमान काफी ज्यादा हो गया था और गागरिन बढ़ते तापमान के बीच अपना होश  खो रहे थे.

उन्होंने बाद में कहा था,"मैं आग वाले बदलो से  घिरा था और पृथ्वी की ओर बढ़ रहा था ".

10  मिनट पहले तार जल गया और गागरिन का कैप्सूल मुक्त हुआ कैप्सूल  के जमीन से टकराने से पहले गागरिन ने सुरक्षित उतरने के लिए पैरासूट से छलांग लगा दी और वोल्गा नदी के किनार उतरे यह फेडरेशन एयरोनॉटिक इंटरनेशनल के प्रावधानों का उलंघन था जिसके अनुसार अंतरिक्ष  यात्री को अंतरिक्ष यान में ही लैंड  करना होगा नहीं तो उसे अंतरिक्ष यात्रा की गिनती में नहीं रखा जायेगा।


रूसी अधिकारियो ने इस बात को छुपाये रखा यूरी गागरिन ने आखिर के कुछ किलोमीटर की यात्रा अंतरिक्ष यान में नहीं की, यह बात जाहिर नहीं होने दी. इस चलते एफ़एआई  ने इस यात्रा को मान लिया बाद में जानकारी मिलने के बाद संबंदित प्रावधानों को  बदलते हुए सुरक्षित प्रक्षेपण, कक्षा में स्थापित होने और अंतरिक्ष यात्री की सकुशल  वापसी को अहम कदम मान लिया गया.





गागरिन का जीवन हमेशा के लिए बदल गया 

किसान माता पिता के बेटे यूरी गागरिन जब अंतरिक्ष में गए तो कोई उन्हें नहीं जनता था लेकिन जब वो लौटे तो दुनिया भर में मशहूर हो गए  थे, वे रूस के राष्ट्रीय हीरो तो बन  ही गए थे.

दुनिय के लिए वे किसी बड़ी हस्ती से कम नहीं थे लौटने के बाद उन्होंने सोवियत संघ का नाम बढ़ाने के लिए चेकोस्लोवाकिया, बुल्गारिया, कनाडा, हंगरी, भारत, जैसे देशो की यात्राएं की.

यूरी  गागरिन की बेटी एलेना गगरिना ने कहा था "हमारा जीवन हमेशा के लिए बदल सा गया हैं मेरे माता पिता के लिए निजी जीवन बहुत मुश्किल हो गया था जिसके बाद दोनों को एकांत में समय बिताने को बहुत कम मौका  मिला।  अगर वह समय निकाल कर कही घूमने भी जाते तो भीड़ उन्हें देखने के लिए उमड़ पड़ती।
हर  कोई उनसे मिलना और उन्हें छूना  चाहता था, वे समझ  गए की ये उनके काम का हिस्सा हैं वह इससे दूर नहीं जा सकते।

कोई टिप्पणी नहीं