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तम्बाकू जीवन को मारता है Tobacoo kills life

 तम्बाकू जीवन को मारता है तम्बाकू, मनुष्य के जीवन में एक बड़ा कारण बन रहा है। यह एक ऐसा विषैला पदार्थ है जो न केवल धूम्रपानकर्ता को हानि पहु...

 तम्बाकू जीवन को मारता है


तम्बाकू, मनुष्य के जीवन में एक बड़ा कारण बन रहा है। यह एक ऐसा विषैला पदार्थ है जो न केवल धूम्रपानकर्ता को हानि पहुँचाता है, बल्कि उसके परिवार और समाज को भी उसकी वजह से असहाय बना देता है। यह नशीली आदत न केवल एक व्यक्ति के शारीरिक स्वास्थ्य को खत्म करती है, बल्कि उसके मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करती है।





पहले बात तो यह कि तम्बाकू में मौजूद निकोटीन कार्कियों को शारीर के अंदर ले जाकर अंधाधुंध विकारों को उत्पन्न करता है। धूम्रपान करने वाले व्यक्ति के फेफड़ों को बुरी तरह से प्रभावित किया जाता है, जिससे उन्हें दमा, श्वासनली की समस्या और कई अन्य शारीरिक रोग हो सकते हैं।


इसके अलावा, तम्बाकू के सेवन से मानसिक स्वास्थ्य पर भी अत्यधिक प्रभाव पड़ता है। यह निकोटीन एक मादक पदार्थ होता है, जो मन को विश्राम के लिए आत्महत्या का मार्ग दिखा सकता है। इससे न केवल व्यक्ति का व्यक्तित्व प्रभावित होता है, बल्कि उसके परिवार और समाज को भी इसके प्रभाव में आना पड़ता है।


तम्बाकू के सेवन से समाज में सामाजिक स्तर पर भी अत्यधिक प्रभाव पड़ता है। यह न केवल धूम्रपानकर्ता के स्वास्थ्य को खत्म करता है, बल्कि उसके परिवार को भी आर्थिक और सामाजिक दबाव में डाल देता है। धूम्रपानकर्ता का परिवार उसकी निरंतर सेवा को देखते हुए चिंतित रहता है और इसका परिणाम उनके बीच में उनकी संबंधों पर पड़ता है।


इससे सामाजिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो, तम्बाकू का सेवन एक बड़ी समस्या है। धूम्रपान न केवल व्यक्ति के बल्कि उसके परिवार और समाज के लिए भी खतरा है। इसलिए, हमें इस नशे को रोकने के लिए जागरूकता फैलानी चाहिए और समाज में तम्बाकू की विरोधी अभियानों को समर्थन करना चाहिए।


अगर हमें अपने समाज को स्वस्थ और सुरक्षित बनाना है, तो हमें तम्बाकू के सेवन के खिलाफ संघर्ष करना होगा। 

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